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फुल कैपेसिटी से दौड़ेंगी बसें, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दी हरी झंडी, परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में लिया निर्णय

शिमला : हिमाचल में बसें फुल कैपेसिटी के साथ चलेंगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बसों के 100 फीसदी क्षमता के साथ चलाने को हंरी झंडी दे दी है। अभी प्रदेश में एचआरटीसी व निजी बसें 60 फीसदी सिटिंग क्षमता के साथ चल रही थीं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि सरकार ने 100 प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने की अनुमति प्रदान की है, लेकिन यात्रा के दौैरान समुचित शारीरिक दूरी और मास्क का उपयोग सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए।

चालकों, परिचालकों और यात्रियों को सुरक्षा के मापदंडों का पूरा ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए राज्य में पायलट आधार पर ई-परिवहन व्यवस्था आरंभ की जाएगी। इस परियोजना की सफलता के उपरांत इसे पूरे राज्य में कार्यान्वित किया जाएगा। इस पहल के अंतर्गत लोगों को परमिट के नवीनीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र, संबंधित गतिविधियों और प्री-पेड टैक्सी प्रबंधन की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इससे लोगों को सुगमता से परिवहन की सेवाओं का लाभ लेने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभिन्न नई पहलों पर विचार कर रहा है, जिसके अंतर्गत सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों में स्थान आधारित ट्रैकिंग उपकरण की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

इससे वाहनों की प्रभावी निगरानी में मदद मिलेगी। केंद्रीय सड़क यातायात एवं उच्च मार्ग मंत्रालय ने कमांड और कंट्रोल प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रदेश के परिवहन विभाग को5.49 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं। इस प्रणाली को इस वर्ष के अंत तक स्थापित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में अंतःस्थलीय (इनलैंड) जल यातायात को प्रोत्साहित करने की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। गोविंद सागर, कोल डैम और चमेरा जलाश्यों में व्यवहार्यता रिपोर्ट संचालित की गई है। तत्तापानी-कसोल-सलापड़ जलमार्ग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है और इन जलमार्गों को शीघ्र आरंभ करने के प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकारियों को विभिन्न बस अड्डों के निर्माण कार्य को निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए। परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश में सड़क परिवहन यातायात की जीवन रेखा है। कोविड-19 महामारी के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को वापस लाने में राज्य परिवहन ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दौरान प्रधान सचिव, परिवहन केके पंत ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। परिवहन निगम के महाप्रबंधक यूनुस और निदेशक परिवहन जेएम पठानिया ने इस अवसर पर विभागीय गतिविधियों पर प्रस्तुतिकरण दिया। मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. आरएन बत्ता, सचिव संदीप भटनागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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