महिला दिवस पर मोथरोवाला में महिलाओं ने अवैध गौशाला को बंद करने की मांग को लेकर दिया धरना
देहरादून: नगरनिगम देहरादून के वार्ड 85 मोथरोवाला में विष्णुपुरम लेन नंबर 1 के सी ब्लाॅक में अवैध रूप से संचालित की जा रही गौशाला/डेयरी के विरोध में प्रभावित महिलाओं ने महिला दिवस पर नगरनिगम के मोथरोवाला स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया।
प्रभावित महिलाओं का कहना था कि आवासीय कालोनी के बीच में संचालित हो रही इस अवैध गौशाला को शीघ्र बंद किया जाए या यहां से अन्यत्र शिफ्ट किया जाए। अवैध गौशाला को बंद किए जाने को लेकर नगरनिगम द्वारा की जा रही हीलाहवाली पर महिलाओं ने नगरनिगम के प्रति रोष व्यक्त किया।
महिलाओं का कहना था कि कालोनी के बीच में अवैध रूप से संचालित हो रही गौशाला से निकलने वाली दुर्गंध के चलते उनको खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्मियों में यहां काफी मच्छर पैदा हो जाते हैं जिस कारण संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।
सोमवार को प्रभावित लोग अवैध रूप से संचालित हो रही गौशाला के गेट पर एकत्रित हुए और वहां से जुलूस की शक्ल में प्रदर्शन करते हुए मोथरोवाला स्थित नगरनिगम के उपनगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे। वहां पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए धरना दिया।
इस दौरान एक ज्ञापन नगरनिगम के क्षेत्रीय अधिकारी को सौंपा गया। महिलाओं ने अवैध रूप से संचालित की जा रही गौशाला को शीघ्र बंद किए जाने की मांग को लेकर धरना स्थल पर जमकर नारेबाजी की।
उनका कहना था कि गौशाला स्वामी द्वारा आवासीय कालोनी में अवैध रूप से गौशाला/डेयरी संचालन की शिकायत कई बार लिखित रूप में नगरनिगम के अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन नगरनिगम के अधिकारियों द्वारा अभी तक इस गौशाला को बंद करवाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिस कारण लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना था कि गौशाला से निकलने वाली दुर्गंध के चलते वे अपनी घरों की खिड़कियां भी खुली नहीं रख सकती।
गौशाला संचालक द्वारा उनके घरों की खिड़कियों के बाहर गोबर के ढेर लगा दिए जाते हैं और गौशाला से निकलने वाला पानी भी वहीं पर गड्ढे में जमा किया जाता है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नगरनिगम को उनके स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अवैध गौशाला से प्रभावित परिवारों का एक शिष्टमंडल गत 12 फरवरी को विष्णुपुरम जनकल्याण समिति के अध्यक्ष एस.एस. भिलंगवाल व सचिव सतीश चंद्र बौड़ाई के नेतृत्व में नगर आयुक्त से मिला था और उन्हें लोगों की पीड़ा से अवगत कराया था, इस दौरान नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने अवैध रूप से संचालित हो रही गौशाला को तत्काल बंद करवाने का आश्वासन दिया था।
उसके पश्चात नगरनिगम के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा गौशाला स्वामी को एक नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस से ऐसा प्रतीत होता है कि नगरनिगम जनभावनाओं के विपरीत इस गौशाला को नगरनिगम में पंजीकृत करना चाहता है, जिस कारण उन्हें आंदोलन को बाध्य होना पड़ा है।