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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में दून विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण कदम परिसर में होगा “नो व्हीकलडे”

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में दून विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण कदम परिसर में होगा “नो व्हीकलडे”

-परिसर में प्रत्येक माह के पहले सोमवार को रहेगी वाहनों की आवाजाही बन्द 

-इस प्रकार के कार्यों को “बैस्ट प्रैक्टिसेज” के तौर पर आंका जाता है:  कुलपति

देहरादून: दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय परिसर में प्रत्येक महीने के पहले सोमवार को वाहनों की आवाजाही बन्द रहेगी।जिसकी शुरूआत आज से प्रारम्भ की गयी है।

सैमेस्टर परीक्षाओं के बाद वि0वि0 का आज पहले शिक्षण दिवस को “नो व्हीकल डे” घोषित किया गया जिसके तहत परिसर में विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय मुख्य द्वार के बाहर तथा मुख्य द्वार के पास अवस्थित पार्किंग स्थल पर अपने वाहन पार्क किये और परिसर में “नो वैहिकल डे” अभियान को सफल बनाने हेतु पैदल चलकर सहयोग किया।

कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल भी कैम्प कार्यालय से पैदल ही प्रशासनिक भवन पहुंची। उन्होने कहा कि आज “नौ व्हीकल डे” के तहत पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाये गये विश्वविद्यालय के इस कदम को सफल बनाने में सभी सदस्यों ने भरपूर सहयोग किया।

विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ वातावरण को प्रदूषणमुक्त करने इस योजना में सहयोग दिया। विश्वविद्यालयों के गुणवत्ता मूल्यांकन में ऐसे कदमों का भी मूल्यांकन होता है जो सामाजिक सरोकारों से जुड़े होते हैं और इस प्रकार के कार्यों को “बैस्ट प्रैक्टिसेज” के तौर पर आंका जाता है। इस अभियान से हमारे विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण के प्रति न सिर्फ जागरूक होंगे बल्कि अपनी जिम्मेदारी का भी निर्वहन कर सकेंगे।

विश्वविद्यालय परिसर स्थित रूसा तथा उच्च शिक्षा संयुक्त निदेशालय के अधिकारियों, कर्मचारियों सहित उच्च शिक्षा सलाहकार प्रो0 एम०एस0एम0 रावत व प्रो0 के0डी० पुरोहित भी इस अभियान में सम्मिलित हुए और मुख्य द्वार से रूसा कार्यालय तक पैदल ही गये विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ० मंगल सिंह मन्द्रवाल साइकिल से विश्वविद्यालय पहुंचे।

इस अभियान को सफल बनाने के लिये अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 एच0सी0 पुरोहित, उपकुलसचिव श्री नरेन्द्र लाल, मुख्य वार्डन डॉ0 सुनीत नैथानी, डॉ0 गजेन्द्र सिंह, डॉ० रीना सिंह, वार्डन डॉ० सुधांशु जोशी सभी शिक्षकों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों सहित विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारियों ने सहयोग किया।

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