पर्यटकों को लुभा रहे नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड के पर्यटन स्थल
संजय किमोठी
देहरादून: नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड के कई पर्यटन स्थल देश-दुनिया के पर्यटकों को लुभा रहे हैं। पर्यटक अपनी इच्छा के अनुसार इन स्थानों का चयन कर अपनी यात्रा और छुट्टियों को यादगार बना सकते हैं, खासकर मानसून में। उत्तराखंड में मसूरी, नैनीताल जैसे कई पर्यटन स्थल हैं जो प्रसिद्ध होने के चलते यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है। ऐसे में अगर आप भीड़ से दूर शांत जगहों पर जाना चाहते हैं तो आपके लिए कुछ पर्यटन स्थलों का चयन किया गया है। जहां आप अपने मानसून को यादगार बना सकते हैं।
चोपता की प्राकृतिक खूबसूरती और हरियाली करती है आनंदित
पहाड़ों की रानी मसूरी ने हमेशा दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित किया है, खासकर मानसून के दौरान। सुरम्य परिदृश्य मानसून का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा है। हालांकि, अगर आप मसूरी की तुलना में किसी विकल्प की तलाश कर रहे हैं तो चोपता आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प में से एक है। यह स्थान आपको हरे भरे परिदृश्य से लेकर शोर-मुक्त वातावरण तक सब कुछ देता है। चोपता की प्राकृतिक खूबसूरती और हरियाली आपको आनंदित कर देगी। यहां की नम हवा में बसी और दरख्तों से लिपटी सौंधी-सी खुशबू आपके तन-मन को तरोताजा कर देंगी। यहां पहुंच आपकी आत्मा उत्साह और संतुष्टि से भर जाएगी। चोपता फोटोग्राफी, बर्ड वॉचिंग, कैंपिंग, योग और ध्यान और अन्य गतिविधियों के लिए सबसे अच्छी जगह है।
–कैसे पहुंचे चोपता
देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से सड़क मार्ग से बस और टैक्सी के जरिए चोपता आसानी से पहुंचा जा सकता है।
–चोपता के आसपास
चोपता के आसपास आप चंद्रशिला ट्रेक, देवरिया ताल, दुग्गल बिटा, कालीमठ, सारी गांव का भी भ्रमण कर सकते हैं।
–पर्यटन व आकर्षण का मुख्य केंद्र है टिहरी
ऋषिकेश बहुत लंबे समय से पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस जगह में शांति से लेकर रोमांच तक सब कुछ है। हालांकि, अगर आप रोमांच के लिए एक अलग जगह की तलाश में हैं तो टिहरी अच्छे विकल्पों में से एक है। 42 वर्ग किमी टिहरी झील प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है। टिहरी झील मे बोटिंग का रोमांच हर किसी को प्रभावित करता है। देश के हर क्षेत्र से पर्यटक यहां आते हैं। टिहरी झील में न केवल बोटिंग का लुत्फ उठाया जाता है बल्कि साहसिक खेलों के लिहाज से भी यह देश का प्रमुख केंद्र बन गई है। इसको देखते हुए यहां पर साहसिक खेल अकेडमी का संचालन भी शुरू हो गया है। फिल्म शूटिंग के लिए भी यह स्थान महत्वपूर्ण है।
–कैसे पहुंचे टिहरी
टिहरी राज्य के अधिकांश प्रमुख शहरों जैसे हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गढ़वाल क्षेत्र के प्रमुख शहरों से बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
–टिहरी के आसपास
टिहरी में आप कांडालात, रानीचौरी, सुरकुंडा देवी मंदिर, खिर्सू का भी भ्रमण कर सकते हैं।
–प्राकृतिक सौंदर्य का भंडार है अल्मोड़ा
विश्व प्रसिद्ध नैनीताल में पर्यटकों का तांता लगा रहता है। ऐसे में अगर आप शांत वातावरण में प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं तो अल्मोड़ा सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। शांत पर्वतीय स्थल अल्मोड़ा प्राकृतिक छटाओं से भरपूर है। धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी के नाम से अल्मोड़ा एक लोकप्रिय नगर है। इस नगर के आस-पास बहुत से सुंदर पर्यटक स्थलों के साथ जागेश्वर धाम, चितई गोलू देवता मंदिर, दूनागिरी, बिनसर महादेव, रानीखेत जैसे कई प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। अल्मोड़ा हिमाच्छादित हिमालय की पृष्ठभूमि में बसा एक सुरम्य शहर है। अल्मोड़ा अपनी समृद्ध संस्कृति, अद्वितीय हस्तशिल्प और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है।
–कैसे पहुंचे अल्मोड़ा
अल्मोड़ा के सबसे नजदीक हवाई अड्डा पंतनगर और रेलवे स्टेशन काठकोदाम में स्थित है। जबकि सड़क मार्ग के जरिए भी आसानी से अल्मोड़ा पहुंचा जा सकता है।
–अल्मोड़ा के आसपास
अल्मोड़ा में आप गैराड गोलू देवता, नंदा देवी मंदिर, बिनसर, कसार देवी मंदिर और रानीखेत का भी भ्रमण कर सकते हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में कई खूबसूरत जगहें हैं जो हमेशा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सरकार पर्यटकों की सुविधाओं के अनुसार नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम कर रही है। होमस्टे योजना के तहत अभी तक प्रदेश भर में करीब 3500 होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं। जिससे उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत प्रदेश भर में नए पर्यटन स्थलों को तलाश कर उन्हें विकसित करने के लिए काम किए जा रहे हैं। जिनसे पर्यटकों को इन स्थानों पर वर्ककेशन की सुविधा भी मिलेगी। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने ट्रैक रूट पर आवासीय सुविधा बढ़ाने के लिए योजना बनाई है। इन गांवों के स्थानीय लोगों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिसमें राज्य के विभिन्न ट्रेक रूट पर होमस्टे विकसित किए जा रहे हैं।