मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों से संवाद कर लिया फीडबैक
-महिला स्वयं सहायता समूहों होंगेे मजबूतः धामी
-कोरोना काल में प्रभावित महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता पर सरकार करेगी विचारदेहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को और मजबूती दी जाएगी। समूहों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि मांग आधारित उत्पादन किया जाए। कोशिश की जाएगी कि समूहों का टाईअप बड़ी कम्पनियों से हो। मुख्यमंत्री, सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों से संवाद कर उनका फीडबैक ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। इन्हें और अधिक मजबूती दी जाएगी। इन समूहों को क्या समस्याएं आ रही हैं, उनके अनुसार राज्य सरकार और क्या कर सकती है, इसे जानने के लिए यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में उद्यमियों के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। राज्य सरकार विचार करेगी कि कोरोना काल में प्रभावित महिला स्वयं सहायता समूहों की किस प्रकार सहायता की जा सकती है। रक्षा बंधन तक इस संबंध में कुछ न कुछ निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश में मुफ्त वैक्सीन, सबको वैक्सीन का अभियान शुरू किया गया है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड में आगामी चार माह में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से अपने आसपास के लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक किए जाने का आह्वान किया।
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के बैंक लिंकेज, वैल्यु एडीशन, प्रशिक्षण और गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करना सुनिश्चित किया जाए।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि दीनदयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 13 जिलों के 95 विकासखण्डों में संचालित की जा रही है। 33 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह इससे जुड़े हैं। लगभग 2.5 लाख महिलाएं इन समूहों की सदस्य हैं। प्रत्येक समूह को 10 से 15 हजार रूपए राशि का रिवाल्विंग फंड उपलब्ध करवाया जाता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों ने अपने समूह की गतिविधियों और समस्याओं की जानकारी देते हुए सुझाव भी दिए। कुछ महिला स्वयं सहायता समूहों ने मुख्यमंत्री को अपने उत्पाद भी भेंट किए।
-बेहतर कीमत के लिए मांग आधारित उत्पादन
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके, इसके लिए बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन किए जाने की जरूरत है। निजी बड़ी कम्पनियों के साथ समूहों के जाइन्ट वेंचर की सम्भावनाएं भी देखी जाएंगी। दीनदयाल अन्त्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य स्वरोजगार के माध्यम से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्तियों को सशक्त करना है।
-स्वरोजगार के लिए कैम्प लगाए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियां सीमित होती हैं, इसलिए राज्य सरकार का रिक्त पदों पर भर्ती के साथ ही लाखों लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने पर भी फोकस है। लोगों को बहुत बार औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण बैंक से ऋण स्वीकृत नहीं हो पाता है। इन समस्याओं को देखते हुए हमने कैम्प लगाने के निर्देश दिए हैं जहां राज्य सरकार के अधिकारी और बैंक अधिकारी मौके पर ही फार्म आदि भरने और औपचारिकताएं पूरी करने में सहायता करेंगे।