जंगली मशरूम खाने से दादा-दादी और पोती की मौत
-ऋषिकेश एम्स में उपचार के दौरान हुई मौत
-मृतक तीनों टिहरी जिले के प्रताप नगर के रहने वाले
-16 अगस्त को हालत बिगड़ने पर चिकित्सालय में कराया गया था भर्ती
नई टिहरी: उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रताप नगर में अभी जंगली मशरूम खाने से पिता और पुत्री की मौत की चिता ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब एक और परिवार इस जहरीली मशरूम की भेंट चढ़ गया है। खबर है कि प्रताप नगर के ही सुकरी गांव में जंगली मशरूम खाने से 13 साल की सलोनी सेमवाल, दादी विमला देवी, दादा सुंदरलाल सेमवाल की आज मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जंगली मशरूम खाने की वजह से 16 अगस्त को उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई थी।
जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश के एम्स में भर्ती करवाया था। परिवार के तीन सदस्य 16 अगस्त से आईसीयू में ही भर्ती थे। जहां उनका इलाज चल रहा था। आज जिंदगी और मौत से लड़ रहे तीनों सदस्यों ने दम तोड़ दिया।आज ऋषि केश के पूर्णानंद घाट पर सुंदरलाल और उनकी पत्नी विमला का अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें सुंदर लाल के दो बेटे सुरेश और प्रभुदत्त हैं। सुरेश देहरादून के होटल में काम करता है। सुरेश के 3 बच्चे थे। जिनमें 2 बेटे और एक बेटी किरण उर्फ सलोनी थी। जिसकी जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई। वहीं, सुंदर लाल का दूसरा बेटे प्रभुदत्त पंजाब में नौकरी करता है। जिसकी भी एक बेटी है।
उत्तराखंड में जंगली मशरूम को चूई की सब्जी कहा जाता है। यह मशरूम अमूमन बरसात के मौसम में ही उगता है। लोग इसे सब्जी समझकर कई बार भूलवश खा लेते हैं। उत्तराखंड में पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। बता दें कि प्रतापनगर में इसी महीने जंगली मशरूम खाने की वजह से पिता और पुत्री की भी मौत हो गई थी।