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बांगर में डॉक्टर की तैनाती न हुई तो होगा आंदोलन: मोहित

बांगर में डॉक्टर की तैनाती न हुई तो होगा आंदोलन: मोहित

-ऐलोपैथिक चिकित्सालय रणधार बांगर में धरने पर बैठे उक्रांद कार्यकर्ता
-बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बांगर के युवाओं में आक्रोश

रुद्रप्रयाग:  उत्तराखंड क्रांति दल के नेतृत्व में बांगर क्षेत्र के युवाओं ने राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय रणधार बांगर में धरना दिया। इस चिकित्सालय में डॉक्टर तो दूर फार्मासिस्ट तक नहीं है। एक वार्ड बॉय के भरोसे चिकित्सालय संचालित हो रहा है।

चिकित्सालय प्रांगण में धरना देते हुए उक्रांद नेताओं ने कहा कि पिछले दो वर्षों से राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय रणधार बांगर में डॉक्टर तैनात नहीं है। यहां एक फार्मासिस्ट नियुक्त था, उसे सोनप्रयाग यात्रा ड्यूटी में भेज दिया गया है। सिर्फ एक वार्ड बॉय के भरोसे चिकित्सालय चल रहा है।

बांगर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। ऐसे में स्थानीय लोगों को भारी परेशानी होती है। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब कोई महिला गर्भवती हो जाती है। उसे यहां उपचार नहीं मिल पाता है।

दुर्घटना में घायल व्यक्ति को भी इलाज के लिए जिला चिकित्सालय या बेस अस्पताल श्रीनगर जाना पड़ता है। उक्रंाद उपाध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि ने बांगर क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बांगर में डॉक्टर और फार्मासिस्ट सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।

उक्रांद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान, पूर्व प्रधान बधानी उम्मेद पंवार, कमल रावत ने कहा कि बांगर क्षेत्र हमेशा से उपेक्षित रहा है। इस क्षेत्र की सुध लेने वाला कोई नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में कई बार मरीज रास्ते मे ही दम तोड़ देते हैं। इससे किसी भी नेता को फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने यहां के लोगों को सिर्फ वोटबैंक तक सीमित रखा है।

उक्रांद से जुड़े आजाद पंवार, अरविंद सेमवाल, जयवास भट्ट, मकान मेंगवाल, हर्षमणि सेमवाल, सुमित कठैत ने कहा कि अब बांगर क्षेत्र की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बांगर को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए स्थानीय युवा लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। स्वास्थ्य सेवाएं न होने से हम लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। चिकित्सालय का भवन सफेद हाथी साबित हुआ है। यहाँ खांसी-बुखार से पीड़ित मरीज को इलाज तक नहीं मिलता। इतनी दुर्दशा इस क्षेत्र की हो गई है।

समाजसेवी वंदना रावत ने कहा कि यहां के लोगों को उनके हक के लिए आवाज तक नहीं उठाने देते। चंद लोगों ने ऐसा माहौल बनाया हुआ है कि वह लोगों को आगे आने ही नहीं देते। अब बांगर के युवा जागरूक हो गए हैं। वह अपना हक छीन के लेंगे। स्वास्थ्य सेवाएं इतनी बदहाल होने के बावजूद यहां के नेताओं के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकलते। वह पार्टी में बंधे हुए हैं। उन्हें अपने क्षेत्र से ज्यादा अपनी पार्टी की चिंता है। अब ऐसे लोगों को जवाब देने युवा तैयार हैं।

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