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अपर मुख्य सचिव ने वन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मा0 मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की

अपर मुख्य सचिव ने वन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मा0 मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की

देहरादून: अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में वन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मा0 मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन घोषणाओं/निर्णयों में शासनादेश जारी हो चुका है, उनमें शत प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ अनुमन्य कराते हुए इसकी सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए। घोषणा पोर्टल पर नियमित रूप से सूचनाओं को अपडेट किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि विभागीय स्तर पर प्रत्येक घोषणा के संदर्भ में परियोजना के टीएसी की संस्तुति का अनुश्रवण किया जाय एवं टीएसी की संस्तुति के आधार पर विभागीय स्तर पर निविदा इत्यादि आमंत्रित करने की कार्यवाही कर ली जाए, जिससे समय की बचत हो।

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि मेडिकल कॉलेजों में निःशुल्क इलाज का लाभ सभी राज्य आन्दोलनकारियों को प्रदान करना सुनिश्चित कराएं तथा गोल्डन कार्ड से सम्बन्धित शासनादेश अविलम्व निर्गत किया जाए। इसके साथ ही खटीमा में एक माह में डायलिसिस सेंटर का संचालन सुनिश्चित कराया जाए तथा लालढांग में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के सुदृढीकरण हेतु कार्य प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि सोमेश्वर, अल्मोड़ा के अन्तर्गत सोमेश्वर हॉस्पिटल को उच्चीकृत किये जाने का शासनादेश 15 दिन के भीतर निर्गत किया जाए।

उत्तराखण्ड राज्य हेतु सकल घरेलू उत्पाद के समान सकल पर्यावरणीय उत्पाद की आंकलन किये जाने सम्बन्धी प्रकरण अविलम्व मंत्रिमण्डल के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाए। इस घोषणा का क्रियान्वयन पर्यावरण विभाग द्वारा किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि उत्तखण्ड के टाईगर रिजर्व, नेशलन पार्क, वन्य जीव अभ्यारण्य, कन्जर्वेशन रिजर्व, नेचर पार्क आदि में 12 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश दिये जाने सम्बन्धी शासनादेश 01 सप्ताह के भीतर निर्गत किया जाए। उत्तराखण्ड के लोगों को वनों एवं वन्य जीवों के आर्थिकी से जोड़ने हेतु सी०एम०यंग- ईका प्रिन्योर स्कीम का प्रस्ताव तत्काल तैयार कर अनमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाए।

ऋषिकेश विधान सभा के अन्तर्गत गुलदार, हाथी एवं अन्य जानवरों से प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था की जाए। विभागीय स्तर पर जिन घोषणाओं एवं परियोजनाओं के आगणन शासन को प्राप्त हो चुके हैं, उनके संदर्भ में एक सप्ताह के अन्दर शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, पंकज कुमार पाण्डेय, अपर प्रमुख वन संरक्षक जीएस पाण्डे, सचिव (प्रभारी) एस.एन.पाण्डे, विशेष कार्याधिकारी, मा0 मुख्यमंत्री आर0सी0शर्मा, उपसचिव हीरा सिंह बसेड़ा आदि उपस्थित थे।