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लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना के तहत लोहारी गांव हुआ जलमगन, गाँव को डूबता देख छलक पड़े ग्रामीणों के आंसू

लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना के तहत लोहारी गांव हुआ जलमगन, गाँव को डूबता देख छलक पड़े ग्रामीणों के आंसू

देहरादून : यमुना नदी पर ग्राम जुड्डों में बनकर तैयार हुए व्यासी बांध की झील में पानी भरने का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। सोमवार को पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही डूब क्षेत्र में शामिल लोहारी गांव में पानी भर गया । जलविद्युत निगम व प्रशासन ने गांव को कई दिन पहले ही खाली करा दिया था। गांव में रहने वाले परिवारों को गांव में ही ऊंचाई पर बने एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय व जलविद्युत निगम की कालोनी के 12 अन्य मकानों में शिफ्ट किया गया है। लगातार बढ़ते जलस्तर ने गांव के मकान, गौशाला, खेत-खलिहानों व पार्क आदि को अपने आगोश में ले लिया। परियोजना के अधिकारियों का दावा है कि देर रात तक डैम के लिए निर्धारित जलस्तर की मात्रा को सुनिश्चित कर लिया जाएगा।

बिजली उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेेश में मील का एक नया पत्थर साबित होने वाली व्यासी जलविद्युत परियोजना के लिए बनाए गए डैम में पानी भरने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। प्रदेश को बिजली की समस्या से मुक्त कराने में 120 मेगावाट की यह जल विद्युत परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। परियोजना के लिए बनाए गए डैम में पानी भरने के दौरान डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव में भी जलस्तर बढ़ गया ।

परियोजना के प्रभारी अधिकारी व जलविद्युत निगम के सहायक महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने बताया कि व्यासी डैम में पानी का स्तर फिलहाल 629 मीटर पहुंच गया है। जबकि देर रात तक जलस्तर के निर्धारित 631 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पानी की मात्रा पूरी हो जाने के बाद इसी सप्ताह से टरबाइनों से उत्पादित होने वाली बिजली को पावर ग्रिड तक पहुंचाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश को परियोजना से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को निर्धारित मुआवजा व अन्य तमाम प्रकार के देय का भुगतान पहले ही कर दिया गया है। इसके अलावा परिवारों को अस्थायी रूप से रहने के लिए छह माह का किराया देने की भी व्यवस्था निगम के माध्यम से की गई है।