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चार धाम यात्रा में गैर हिन्दुओं पर प्रतिबंध को कांग्रेस ने बताया धमों की परंपरा के साथ खिलवाड़

चार धाम यात्रा में गैर हिन्दुओं पर प्रतिबंध को कांग्रेस ने बताया धमों की परंपरा के साथ खिलवाड़

-चार धाम यात्रा को लेकर दुर्भाग्यपूर्ण है प्रदेश के मुखिया का बयान: गरिमा मेहरा दसौनी

देहरादून: चार धाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार के फैसले को उत्तराखंड कांग्रेस ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदेश में काबिज भाजपा सरकार की जमकर निंदा की हैI कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने चार धाम यात्रा को गैर हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित करने वाले सरकार के फैसले को विभाजन कारी फैसला बताते हुए इसे संकुचित व संकीर्ण मानसिकता से भरा फैसला बताया हैI गरिमा ने इसको लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर निशाना साधते हुए नसीहत दी है कि मुख्यमंत्री को किसी एक धर्म जाति या समुदाय की बात करना शोभा नहीं देताI उन्होंने सरकार के इस फैसले को धमों की परंपरा के साथ छेड़छाड़ बताया हैI


कांग्रेस की गढ़वाल मंडल प्रभारी व प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मंगलवार को चार धाम यात्रा में सरकार के गैर हिन्दू धर्म के लोगों पर प्रतिबन्ध को लेकर कहा की, सरकार का निर्णय आदि काल से चली आ रही चार धामों की परंपराओं के साथ खिलवाड़ करने की भारतीय जनता पार्टी की कुत्सित मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा चार धाम यात्रा को गैर हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित करने का सरकार का फैसला विभाजन कारी फैसला है।

उन्होंने कहा भारत देश की विश्व में अपनी एक अलग पहचान है, हमारा देश सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटुंबकम ,सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया का संदेश देने वाला देश रहा है, लेकिन आज इस देश की सामाजिक समरसता और ताने-बाने के साथ खिलवाड़ करने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है। गरिमा ने कहा की संकुचित और संकीर्ण मानसिकता के हैं वह लोग जो चार धाम यात्रा को सीमित कर देना चाहते हैं ।जिससे एक तरफ उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को एक बड़ा धक्का पहुंचेगा वहीं दूसरी ओर राज्य को होने वाली आय भी घटेगी।

दसौनी ने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का मुखिया होता है, वह प्रदेश में रहने वाले हर धर्म हर जाति हर वर्ग हर समुदाय के लोगों का संरक्षक होता है ।ऐसे में किसी एक धर्म जाति या समुदाय की बात करना मुख्यमंत्री को कतई शोभा नहीं देता।

कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों के आने से पहले भी चार धाम यात्रा सुचारू रूप से चला करती थी फिर आज देश में इस तरह का माहौल क्यों उत्पन्न किया जा रहा है, जिसमें यह बताने और दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि हिंदू धर्म और हिंदू धर्म स्थलों को बाकी धर्म और समुदाय के लोगों से खतरा है?

उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि वह कानून व्यवस्था को दुरुस्त करें ना कि समाज को बांटने वाले इस तरह के निर्णय और बयान दे । गरिमा ने आरोप लगाया कि भाजपा खुद के स्लीपिंग सेल के लोगों को धार्मिक गुरुओं का जामा पहनाकर यह जताना और बताना चाहती है कि उसने यह निर्णय संतो और धार्मिक गुरुओं के मांग पर लिया है, पर कोई भी धर्म, धार्मिक ग्रंथ या धार्मिक गुरु समाज को बांटने वाला या नफरत फैलाने वाला संदेश नहीं दे सकते।

कहा ईश्वर की नजर में सब एक समान है। दसौनी ने कहा बचपन से हमें सिखाया गया है हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई भाई लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से लगातार इस भाईचारे पर चोट की जा रही है।

दसौनी ने कहा कि मोदी सरकार का नारा है “सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास” परंतु उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय के बाद यह साफ हो गया है भारतीय जनता पार्टी के नारे सिर्फ और सिर्फ जुमले साबित होते हैं, कहा लगातार वोट बैंक की राजनीति करने वाली भाजपा समाज का तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण करने पर तुली हुई है ।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा सुनियोजित ढंग से यह कुचक्र रचा जा रहा है ताकि देशवासियों का ध्यान बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की दुर्दशा, महिला सुरक्षा एवं भ्रष्टाचार से भटकाया जा सके। दसौनी के अनुसार यह जानबूझकर इसलिए किया जा रहा है ताकि टीवी चैनल में होने वाली चर्चाएं एवं समाचार पत्रों की खबरें सिर्फ और सिर्फ धार्मिक उन्माद की इन खबरों तक सीमित रहे। देश मे कोई बेरोजगारी और महंगाई की बात ना कर सके।

दसौनी ने कहा कि पहले देवस्थानम बोर्ड के नाम पर और अब चार धाम यात्रा को प्रतिबंधित करना दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी हमारी पौराणिक संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने पर तुली हुई है। उन्होंने भाजपा को चेताते हुए कहा कि जो नफरत के बीज भाजपा बो रही है ,जो नासूर समाज में वह पैदा कर रही है उसे हमारी आने वाली पीढ़ियां भुगतेंगी। दसौनी ने कहा कि मशहूर शायर ने सच ही कहा है, लगेगी आग तो आएंगे कई घर इस ज़द में यहां सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।

गरिमा ने कहा यह तो हमारे लिए गर्व का विषय होना चाहिए अगर दूसरे धर्म और समुदाय के लोगों को हमारे धार्मिक स्थल अपनी और आकर्षित करते हैं , प्रेरणा देते हैं और वहां आकर उन्हें सुकून महसूस होता है।

दसौनी ने सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि श्रद्धालुओं और दर्शन अभिलाषियों को धार्मिक स्थलों तक पहुंचाने वाले ज्यादातर लोग गैर हिंदू समुदाय के होते हैं। कहा की सत्ता प्राप्ति के लिए भारतीय जनता पार्टी निचले स्तर की राजनीति करने पर उतारू हो चुकी है, भगवानपुर की धार्मिक उन्माद की घटना इसकी बानगी है। सरकारों का काम समाज में नफरत फैलाना नहीं प्रेम का संदेश देना होता है, सरकारों पर बड़ी जिम्मेदारी सुशासन की होती है जिसमें सभी धर्म व समुदायों को लोगों को एक साथ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश होनी चाहिए।