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उत्तराखंड के बेटे लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन की दुनिया में रचा इतिहास

उत्तराखंड के बेटे लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन की दुनिया में रचा इतिहास

देहरादून : उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहने वाले लक्ष्य सेन ने कड़े परिश्रम से थामस कप में जीत की नींव रख बैडमिंट की दुनिया में नया इतिहास रच दिया है। भारतीय बैडमिंटन टीम की बैंकाक के इम्पेक्ट एरीना में थामस कप जीतना ना सिर्फ इतिहास में दर्ज होगा, बल्कि देश व प्रदेश के युवा शटलरों का मनोबल बढ़ाने का काम करेगा।

आपको बता दें कि लक्ष्‍य अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपने दादा और पिता से बैडमिंटन के गुर सीखे हैं। साथ ही उनके बड़े भाई चिराग ने भी उन्‍हें आगे बढ़ने के लिए काफी कुछ सिखाया है। घर से मिले प्रशिक्षण से लक्ष्य ने 10 वर्ष की उम्र में इजरायल में पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता था।

लक्ष्य मूलरूप से सोमेश्वर (अल्मोड़ा ) के ग्राम रस्यारा के रहने वाले हैं। उनका जन्‍म 16 अगस्त 2001 को हुआ था । लक्ष्य ने 12वीं तक की शिक्षा बीयरशिवा स्कूल अल्मोड़ा से पूरी की है । उनके दादा सीएल सेन जिला परिषद में नौकरी करते थे। उनके दादा ने राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हुए कई पुरस्कार भी जीते है। उन्‍हें बैडमिंटन का भीष्‍म पितामह भी कहा जाता था। लक्ष्य के पिता डीके सेन भी राष्‍ट्रीय स्‍तर बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुके हैं। वह स्पो‌र्ट्स अथारिटी आफ इंडिया में कोच रह चुके हैं और लक्ष्य के कोच भी वही हैं।

छह वर्ष की आयु से लक्ष्‍म मैदान में उतर गए और पिता व दादा की राह पर चलकर जिला, राज्य के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब अपने नाम किए। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमाया। लक्ष्य के बड़े भाई चिराग सेन भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। दोनों भाईयों ने भारत को कई खिताब दिलाए हैं।

थामस कप में भारतीय टीम की जीत व उत्तराखंड के युवा शटलर लक्ष्य सेन के प्रदर्शन पर उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन संघ के महासचिव बीएस मनकोटी ने कहा कि यह बहुत बड़ी जीत है, इस जीत का युवा पौध पर खासा असर पड़ेगा।

इस जीत से निश्चित रूप से बैडमिंटन में युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लक्ष्य सेन अपने शानदार खेल से युवाओं के रोल माडल बनते जा रहे हैं। लक्ष्य सेन ने थामस कप के पहले मैच में अहम जीत दिलाकर टीम का मनोबल बढ़ाया। इस जीत में लक्ष्य का अहम योगदान है। लक्ष्य ने उत्तराखंड का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। युवाओं को लक्ष्य से प्रेरणा लेकर अपने सफर को आगे बढ़ाने की जरूरत है। थामस कप जीतकर भारतीय टीम ने देशवासियों को गर्व का एहसास कराया है।

सीएम धामी ने भी इस मौके पर लक्ष्य को बधाई देते हुए कहा कि हम सब खुश हैं, यह यादगार पल है। टूर्नामेंट में लक्ष्य का ओवरआल प्रदर्शन शानदार रहा है। भारतीय बैडमिंटन टीम के प्रदर्शन पर पूरा हिंदुस्तान गर्व कर रहा है। इस टीम ने भारतीय बैडमिंटन में मील का पत्थर स्थापित किया है।

थामस कप जीतने के बाद युवा शटलर लक्ष्य सेन ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा कि हमने कर दिखाया, हम भारतीय हैं। जीत के बाद लक्ष्य ने अनोखे अंदाज में जीत का जश्न मनाया। लक्ष्य जीत के बाद बैडमिंटन कोर्ट पर लेट गए। इसी अंदाज में उन्होंने अपनी फोटो ट्विटर पर साझा की है।