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गाजियाबाद की निर्भया केस का सच आया सामने, मोबाइल फोन ने खोली पोल

गाजियाबाद की निर्भया केस का सच आया सामने, मोबाइल फोन ने खोली पोल

देहरादून: गाजियाबाद शहर के नंदग्राम इलाके में दिल्ली की 38 वर्षीय नर्स के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी होने का सच सामने आ गया हैं। नर्स और उसके दोस्त आजाद ने निर्भया जैसे कांड की झूठी कहानी बनाई थी| उसे सच साबित करने के लिए वह कदम-कदम पर झूठ बोल रहे थे| लेकिन मोबाइल फोन ने उनकी पूरी पोल खोल दी हैं।

पुलिस ने बताया कि नर्स दो दिन से अपने दिल्ली के घर में ही थी। नर्स के मोबाइल की कॉल डिटेल में आजाद का नंबर मिला था। उसने 16 अक्तूबर की रात से 18 अक्तूबर की सुबह तक खुद को जंगल में बंधक बताया था, जबकि इस दौरान उसकी कई बार आजाद से बात हुई थी।

दरअसल पुलिस को बताया गया था की महिला नंदग्राम में भाई के घर से उसके जन्मदिन समारोह में शामिल होकर दिल्ली अपने घर लौट रही थी। भाई ने आरोप लगाया था कि चार युवक बहन को 16 अक्तूबर की रात दस बजे स्कार्पियो गाड़ी में डाल जंगल में ले गए। वहां एक और ने मिलकर दुष्कर्म किया और उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दी।

कैसे हुआ पुलिस को शक

पुलिस अधिकारीयों का कहना हैं कि उनको शक तो तभी हो गया था, जब 112 पर कॉल करने वाले राहगीर ने बताया कि उससे फोन करने के लिए एक युवक ने कहा था जो नर्स के पास पहले से मौजूद था। पुलिस के आते ही वह युवक भाग गया। पुलिस उस युवक की तलाश में लग गई थी। जांच में पता चला कि वह कोई और नहीं, आजाद ही है।

पुलिस ने बताया कि नर्स ने एमएमजी जिला अस्पताल में उपचार कराने से मना किया था। उसे जब मेरठ रेफर किया गया तो उसने वहां जाने से भी इनकार किया था। वों दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भेजने की जिद कर रही थी। वहां वों पहले काम कर चुकी थी।

क्यू बनायी झूटी कहानी

नर्स के भाई ने बताया कि दिल्ली के कबीरनगर में मकान को लेकर नर्स का नामजद आरोपियों के साथ विवाद चल रहा है। बहन ने शाहरुख और जावेद से मकान खरीदा था। दोनों भाई हैं। दोनों ने कब्जा नहीं छोड़ा है। मामला कोर्ट में है। शाहरुख और जावेद की मां ने मकान का सौदा दीनू से कर दिया। धौला, औरंगजेब, जावेद और शाहरुख के पड़ोसी हैं और विवाद में उनका साथ दे रहे हैं। पुलिस ने बताया कि मकान हड़पने के लिए यह जालसाजी की गई थी।

पहले यह मकान आजाद ने समीना नाम की महिला से खरीदा हुआ दिखाया। इसके फर्जी दस्तावेज बनाए। इसके बाद फर्जी तरीके से आजाद ने दीपक जोशी के नाम पॉवर ऑफ अटॉर्नी कर दी। जिसके बाद दीपक ने नर्स के नाम पॉवर ऑफ अटॉर्नी कर दी। नर्स ने मकान पर दावा कर शाहरुख और जावेद से इसे खाली करने के लिए कहा। वे कोर्ट चले गए। इस पर उन्हें और उनका साथ दे रहे युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म का फर्जी केस दर्ज कराया गया ताकि वे जेल चले जाएं और मकान पर नर्स का कब्जा हो जाए।