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चीन के 18 फाइटर जेट्स ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसे : ताइवान और अमेरिका को वार्निंग

चीन के 18 फाइटर जेट्स ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसे : ताइवान और अमेरिका को वार्निंग

देहरादून: भारत के बाद चीन ने अब ताइवान में घुसपैठ करने की कोशिश शुरु कर दी है। शुक्रवार शाम को चीन के 18 फाइटर जेट्स ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसे। और कुछ समय उड़ान भरने के बाद यह फाइटर जेट्स लौट गए।

चीन ने इस हरकत को उस वक्त अंजाम दिया जब अमेरिका के अंडर सेक्रेटरी कीथ क्रेच ताइवान की राजधानी ताइपे के एक प्रोग्राम में मौजूद थे।चीन के फाइटर जेट्स के ताइवानी सीमा से लौटेने के कुछ ही देर बाद चीन के रक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अफसर कर्नल रेन गुओकियांग का बयान आया। गुओकियांग ने कहा कि जो लोग आग से खेलने की कोशिश कर रहे हैं ,वे जल जाएंगे। वहां के एक सरकारी थिंक टैंक ने कहा , हमारी तरफ से यह अमेरिका और ताइवान दोनों को वॉर्निंग है।

चीन की इस वार्निंग का अमेरिका ने कोई जवाब नहीं दिया है। जबकि पिछले दो माह में यह दूसरा मौका है जब डोनाल्ड ट्रम्प ने किसी मंत्री स्तर के अफसर को ताइवान भेजा है। 1979 के बाद से अमेरिका का कोई भी बड़ा अफसर ताइवान नहीं गया। हालांकि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते हैं।

अमेरिका के अंडर सेक्रेटरी कीथ क्रेच गुरुवार को ही ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचे थे। इस पर चीन ने अमेरिका को आगाह किया कि वो ताइवान से डिप्लोमैटिक और मिलिट्री रिलेशन न बढ़ाए। अमेरिका ने चीन की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया है। वहीं अमेरिका खुलकर ताइवान के साथ खड़ा है। महामारी शुरू होने के बाद से ही ताइवान की खाड़ी और साउथ चाइना में चीनी सरकार छोटे देशों पर लगातार दबाव बढ़ा रही है। चीनी सरकार ताइवान को अपना हिस्सा मानती है। जबकि ताइवान एक स्वतंत्र देश है। और अमेरिका खुलकर ताइवान के साथ खड़ा हो गया है। साथ ही दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर की डिफेंस डील भी होने वाली है। कुछ महीनों में चीन ने ताइवान की हवाई और समुद्री सीमा का कई बार उल्लंघन किया है। लेकिन पहली बार इतनी बड़ी संख्या में उसके फाइटर जेट्स ताइवान की सीमा में घुसे हैं।

जून से लेकर अब तक चीन लद्दाख सीमा में घुसपैठ की कोशिश में लगा है। चीन द्वारा भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 10 हजार लोगों की जासूसी की खबरें भी सामने आई हैं।

 

 

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