विद्यासागर नौटियाल की विरासत को आगे बढ़ा रहे प्रभात ध्यानी: जनकवि बल्ली सिंह चीमा बोले- नौटियाल ने साहित्य में जातिवाद और अंधविश्वास को नकारा

विद्यासागर नौटियाल की विरासत को आगे बढ़ा रहे प्रभात ध्यानी: जनकवि बल्ली सिंह चीमा बोले- नौटियाल ने साहित्य में जातिवाद और अंधविश्वास को नकारा

देहरादून:  राज्य आंदोलनकारी व सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता प्रभात ध्यानी को विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान-2025 से सम्मानित किया गया। सोमवार को सेव हिमालय मूवमेंट ट्रस्ट के तत्वाधान में आईआरडीटी सभागार में आयोजित प्रख्यात कथाकार विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि विद्यासागर नौटियाल को वे संध्या वंदनीय नौटियाल कहते है। इसलिए कि विद्यासागर नौटियाल हमेशा अंतिम व्यक्ति की आवाज थे। इस दौरान दीपिका घिल्डियाल ने प्रभात ध्यानी के संघर्षों की कहानी बयान की। वरिष्ठ पत्रकार व आंदोलनकारी पीसी तिवारी ने कहा कि प्रभात ध्यानी भी विद्यासागर की परम्परा को आगे बढ़ाने वाले संघर्ष के साथी है। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ जनकवि बल्ली सिंह चीमा ने कहा कि विद्यासागर नौटियाल की परम्परा रही है कि वह हमेशा समाज के लिए जीते रहे है। विद्यासागर ने अपने साहित्य में जातिवाद, छुआ छूत जैसे विडंबनाओं पर अपनी कलम चलाई है जो अंतराष्ट्रीय आवाज बनी है।

वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने कहा कि कथाकार विद्यासागर नौटियाल ने हमेशा अंधविश्वास को नकारा । उनके साहित्य में हमेशा जीवंतता रही है,। बहुगुणा ने कहा कि विद्यासागर नौटियाल ने 13 वर्ष की उम्र में भी संघर्षी जीवन आरंभ कर दिया था।

राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी ने कहा कि विद्यासागर नौटियाल की तरह प्रभात ध्यानी राज्य आंदोलन से पहले और अब भी समाज के अंतिम व्यक्ति की लड़ाई लड़ रहे है। राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि उन्हें जो सम्मान दिया गया है यह उनका सम्मान नहीं बल्कि उन सभी संघर्ष करने वाले साथियों का सम्मान है। वह विद्यासागर के विरासत के ही एक छोटे से कार्यकर्ता है। आज राज्य की लड़ाई जिस आकांक्षाओं के साथ लड़ी थी उसके विपरीत हमारी व्यवस्थाएं जा रही है। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी जयदीप सकलानी, वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी, सतीश धौलाखंडी, त्रिलोचन भट्ट ने “बैठकों में हल टंगे है बल हमारे गांव में, बस पदानो के मजे है बल हमारे गांव में” गीत गाकर आज की व्यवस्थाओ पर तंज कसे। इस मौके पर लक्ष्मी नौटियाल, समीर रतूड़ी, अरविंद दरमोड़ा, पत्रकार अरुण शर्मा, राकेश बिजलवान, गणेश काला, पूनम कैंतुरा, विनोद जुगरान, राज्य आंदोलकारी रविन्द्र जुगरान, भाकपा नेता समर भंडारी, शिक्षिका उमा भट्ट आदि मौजूद रहे।