टपकेश्वर मंदिर में चोरी से हड़कंप: शिवलिंग से कीमती चांदी का आभूषण चोरी, धार्मिक स्थल की सुरक्षा पर उठे सवाल

टपकेश्वर मंदिर में चोरी से हड़कंप: शिवलिंग से कीमती चांदी का आभूषण चोरी, धार्मिक स्थल की सुरक्षा पर उठे सवाल
देहरादून: राजधानी देहरादून स्थित प्राचीन और ऐतिहासिक टपकेश्वर महादेव मंदिर में चोरी की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। चोरों ने मंदिर के मुख्य शिवलिंग पर वर्षों से सुशोभित चाँदी के नाग को चोरी कर लिया है, जिससे भक्तों और मंदिर प्रबंधन में गहरा हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि यह चोरी की वारदात बीते रविवार (28 सितंबर 2025) को देर रात हुई। चोरी गई वस्तु: मुख्य शिवलिंग पर चढ़ा हुआ लगभग 200 ग्राम वजनी चांदी का नाग, जिसे श्रद्धालु आस्था का प्रतीक मानते थे। चोरी की घटना का पता तब चला, जब सुबह मंदिर के पुजारी और सेवादार नित्य पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुँचे। उन्होंने पाया कि शिवलिंग के ऊपर स्थापित चांदी का नाग गायब है।चोरी का तरीका: यह संदेह है कि चोरों ने मंदिर परिसर में किसी समय प्रवेश किया और विशेष रूप से शिवलिंग को निशाना बनाया। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं।

भक्तों और प्रबंधन में रोष

चोरी की खबर फैलते ही टपकेश्वर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। इस घटना को केवल एक चोरी नहीं, बल्कि सदियों पुरानी परंपरा और धार्मिक भावनाओं पर सीधी चोट माना जा रहा है। श्री टपकेश्वर महादेव सेवादल (रजि.) की ओर से तत्काल पुलिस को घटना की सूचना दी गई। भक्तों ने इस पवित्र स्थल से चोरी होने पर गहरा रोष व्यक्त किया है और पुलिस प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई कर चोरों को पकड़ने की माँग की है। सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँचे। मुकदमा दर्ज: पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। जाँच और फुटेज: पुलिस टीम ने मंदिर परिसर और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है, ताकि चोरों का कोई सुराग मिल सके। सुरक्षा पर सवाल: इस वारदात ने देहरादून के प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर रात के समय गश्त और निगरानी की कमी को लेकर स्थानीय लोग चिंतित हैं। टपकेश्वर महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहाँ गुफा की छत से शिवलिंग पर बूंद-बूंद जल टपकता है, जिसके कारण यह स्थान ‘टपकेश्वर’ के नाम से प्रसिद्ध है।