HTML tutorial

हेमकुंड साहिब कपट शीतकाल के लिए बंद, सेना बैंड की मधुर धुनों के साथ पड़ी गई अंतिम अरदास

हेमकुंड साहिब कपट शीतकाल के लिए बंद, सेना बैंड की मधुर धुनों के साथ पड़ी गई अंतिम अरदास




देहरादून: हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए है। सुबह 10 बजे सुखमणी पाठ शुरू के साथ 11:15 से 12:30 बजे तक शबद कीर्तन और 12:30 से एक बजे तक इस साल की अंतिम अरदास पढ़ी गई। इस अवसर पर गुरु महाराज के दरवार में हाजिरी भरने के लिए सुबह से पूर्व ही संगतों के आने का सिलसिला शुरू हो गया थाI इस दौरान भारतीय सेना का 418 लाईट दल भी मौजूद रहाI इसके अलावा गुरुद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार जंक सिंह भी अपने जठे के साथ मौजूद रहेI

हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के के चलते 418 इंजीनियर कोर सेना के बैंड की मधुर धुन के बीच पंच प्यारों की अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड में स्थापित किया गया।

गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि कपाट बंद होने पर हेमकुंड साहिब में करीब 1500 श्रद्धालु शामिल हुए, जिसमें हेमकुंड साहिब के प्रधान ट्रस्टी जनक सिंह का जत्था, जालंधर से भगत सिंह का जत्था, करनाल से अमरजीत का जत्था व अन्य श्रद्घालु शामिल रहे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दो लाख 47 हजार श्रद्धालुओं  ने हेमकुंड साहिब में दर्शन किए।

हेमकुंड साहिब में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है जिससे वहां करीब आधा फीट तक बर्फ जम चुकी है। इसके चलते इस साल कपाट बंद होने में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। बताया कि यात्रा के दौरान मौसम लगातार खराब रहने के कारण भी श्रधालुओं कि संख्या में कोई कमी नहीं आईI