सीएम धामी ने की कुमाऊं मंडल के अंर्तगत 5 करोड़ से अधिक लागत की योजनाओं की समीक्षा
हल्द्वानी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को कुमाऊं मंडल के अंर्तगत 5 करोड़ से अधिक लागत की योजनाओं की समीक्षा बैठक काठगोदाम के सर्किट हाउस, में हुई। मुख्यमंत्री द्वारा दैवीय आपदा, निर्माणदायी संस्था, कानून व्यवस्था व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ली गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने मण्डलीय अधिकारियों को योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र पर कार्य करने के निर्देश दिए जिससे योजनाओं का अधिकतम लाभ ससमय आम जनमानस को मिल सके। वहीं पेयजल निगम, पिथौरागढ़ से सक्षम अधिकारी के बैठक में उपस्थित न होने पर सीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मण्डलायुक्त को स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य अभियंता लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग, सिंचाई व अन्य विभाग के अभियंताओ ने मुख्यमंत्री को बताया कि शासकीय विकास परक योजनाओं के निर्माण कार्यों में कुछ ठेकेदार लेट लतीफी कर रहे हैंI जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी निर्माणदायी एजेंसियों को निर्देश दिए कि ऐसे ठेकेदारों को अंतिम चेतावनी देते हुए कार्यों में प्रगति लायी जाय। यदि चेतावनी के पश्चात भी ठेकेदार द्वारा समय से कार्य पूर्ण नहीं किया जाता है तो सम्बन्धित ठेकेदार को न्यूनतम 3 वर्ष के लिए डिबार्ड किया जाय जिससे वह सरकारी निविदा प्रक्रिया में भाग न ले सके।
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में अधिक समय न लगे, इसके लिए सम्बन्धित उपजिलाधिकारी ही भूमि अधिग्रहण हेतु सक्षम प्राधिकारी (काला सम्बन्धित) कार्य के लिए पदेन सदस्य होंगे। इससे पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग में भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी कार्यों के लिये शासन स्तर से काला को नोटिफाइड करना होता था जिसमें अधिक समय लग जाता था व विकास कार्यों में देरी होती थी।
सीएम ने कहा कि मानस खण्ड कॉरिडोर के अंर्तगत 42 मंदिर चिन्हित किये गए है जिसके माध्यम से चरणबद्ध रूप से सड़कों का जाल बिछ जायगा व चौड़ीकरण होगा। सड़कों का विकास होने से पर्यटकों के लिए पर्यटन भी सुगम व सुलभ होगा साथ ही आर्थिकी भी सशक्त होगी। उन्होंने कहा राज्य के विकास हेतु आवश्यक है कि राजस्व के स्त्रोत भी विकसित हो, इसके लिए सीएम ने मण्डलायुक्त को राजस्व, जीएसटी विभाग व अन्य विभागों की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
राज्य में आपदा के खतरों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा को रोका नहीं जा सकता किन्तु आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। आपदा न्यूनीकरण हेतु समस्त अधिकारी सतर्क व एलर्ट रहे जिससे समय राहत व बचाव कार्य किया जा सके। आपदाग्रस्त क्षेत्र में समय पर राशन, दवाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। सम्वेदनशील क्षेत्रों पर सभी जिलाधिकारी पैनी नजर रखे।
वहीं राज्य में चल रहे विकास कार्यों पर सीएम ने कहा कि कार्यदायी संस्थाओं द्वारा पूर्ण किये जा चुके निर्माण कार्यों को हस्तगत किया जाय जिससे योजनाओं का उद्देश्य सिद्ध हो। अधिकारियों को योजनाओं की प्रगति टिप्स में रहनी चाहिये, इसके लिए अधिकारी स्वयं क्षेत्र का भ्रमण करें व समीक्षा बैठक ले।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री की कर्मयोगी अवधारणा के तहत कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि अधिकारी इस अनुरूप कार्य करें उनका कार्यकाल व सेवाकाल विशेष कार्यों के लिए जाना जाए। उन्होंने इन तीन वर्षों में अधिकारी बेस्ट प्रक्टिसेस के तहत योजनाओं को चिन्हित करें, जिससे राज्य विशिष्ट कार्यों के लिए मॉडल बने व अपनी पहचान बना सके।
इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी को गौलापार हैलीपैड पर गार्ड ऑफ सलामी दी गई। इसके बाद सीएम ने समचार पत्र अमृत विचार के कार्यक्रम में शिरकत की।
बैठक में विधायक एवं पूर्व मंत्री बंशीधर भगत, सरिता आर्या, दीवान सिंह बिष्ट, रामसिंह कैडा, डा0 मोहन बिष्ट, मेयर डा. जोगेन्दर रौतेला, आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भटट, आरएफसी कुमाऊं हरवीर सिह, अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी,सिटी मजिस्टेट ऋचा सिह, अशोक जोशी,उपनिदेशक अर्थसंख्या राजेन्द्र तिवारी के साथ ही समस्त मण्डलीय अधिकारी उपस्थित थे।