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लखीमपुर खीरी घटना को सुनियोजित साजिश के तहत दिया गया अंजाम :एसआईटी

लखीमपुर खीरी घटना को सुनियोजित साजिश के तहत दिया गया अंजाम :एसआईटी

देहरादून : बीते अक्टूबर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई किसानो के प्रदर्शन के दौरान हिंसा में एसआईटी की जाँच में कुछ अहम पहलु सामने आये हैI लखीमपुर खीरी हिंसा में 8 व्यक्तियों की गाड़ी से कुचलकर हत्या की गई थी I इस हिंसा की जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था I हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि घटना में शामिल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और उसके सहयोगियों ने इस घटना को जान-बूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया था I

सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने इस संबंध में अदालत में याचिका दायर की I और मामले में गिरफ्तार किए गए 13 आरोपियों के खिलाफ नई धाराएं लगाने की मांग की I

एसआईटी ने अदालत से मांग की है कि हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में शामिल आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत चार और आपराधिक आरोप लगाए जाए I

बता दे कि आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों पर लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप हैI

इस सम्बन्ध में नई धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध के साथ ये याचिका एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) की अदालत दाखिल की है I

एसपीओ के मुताबिक, जांच अधिकारी ने सीजेएम को भेजे गए आवेदन में कहा है कि अब तक की गई जांच और इकट्ठा किए गए सबूतों से यह पता चला है कि आरोपियों द्वारा इस आपराधिक घटना को लापरवाही के चलते नहीं बल्कि जान-बूझकर सुनियोजित साजिश के तहत जान से मारने की नीयत से किया गया थाI

मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव ने बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांचकर्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाने), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 304ए (लापरवाही से मौत का कारण) को हटाने की मांग की हैI वहीं, एसआईटी की ओर से कहा गया है कि जांच के दौरान उसे नए सबूत मिले है जिसके तहत जांच दल ने आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 326 (जान-बूझकर खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना) और 34 (समान इरादों से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में इन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है I

एसपी यादव ने कहा कि मुख्य जांच अधिकारी ने अदालत से 13 आरोपियों के वॉरंट में सुधार करने का भी अनुरोध किया है जो मौजूदा समय में न्यायिक हिरासत में हैं I

सूत्रों का कहना है कि एसआईटी को पता चला है कि एसयूवी के काफिले द्वारा किसानों और पत्रकार को जान-बूझकर कुचला गया था I