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पेगासस जासूसी मामले में एडिटर्स गिल्ड पहुंचा सुप्रीम, कोर्ट एसआईटी जांच की मांग

पेगासस जासूसी मामले में एडिटर्स गिल्ड पहुंचा सुप्रीम, कोर्ट एसआईटी जांच की मांग

नई दिल्ली:  पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए पत्रकारों सहित कई अन्य लोगों पर कथित तौर से नजर रखने को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एसआईटी का गठन कर उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

एडिटर्स गिल्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि पत्रकारों का काम सूचना पहूंचाना व जनता के अधिकार पर, सरकार को जवाबदेह बनाने और स्वतंत्र एवं पारदर्शी सरकार लागू करना है। साथ ही गिल्ड के सदस्य और सभी पत्रकारों का कर्तव्य सूचनाएं, व्याख्याएं और देश की कार्रवाई या निष्क्रियता के लिए वैधानिक रूप से वैध तर्क मांगकर सरकार की सभी शाखाओं को जिम्मेदार ठहराना है। इसलिए इस भूमिका को पूरा करने के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखा जाना चाहिए।

रिट याचिका अधिवक्ता रूपाली सैमुअल, राघव तन्खा और लजफीर अहमद बीएफ के माध्यम से दायर की गई है। इस मामले में वरिष्ट पत्रकार मृणाल पांडे सह.याचिकाकर्ता हैं।

याचिका में कहा गया है किष्प्रेस की स्वतंत्रता पत्रकारों की रिपोर्टिंग में सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा हस्तक्षेप नहीं किए जाने पर निर्भर होती है, जिसमें सूत्रों के साथ सुरक्षा एवं गोपनीयता के साथ बात करने की उनकी क्षमता, सत्ता के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार की जांच, सरकारी अक्षमता का खुलासा करना, और सरकार के विरोध में या विपक्ष से बात करना शामिल है।

गिल्ड ने तर्क दिया कि भारत के नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि क्या सरकार संविधान के तहत अपने अधिकार की सीमाओं का उल्लंघन कर रही है और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

याचिका में कहा गया कि संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से जवाबदेही लेने और संवैधानिक सीमाओं को लागू करने के सभी प्रयासों को विफल कर दिया गया है। अपनी हठधर्मिता से प्रतिवादियों ने जानबूझकर इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस से परहेज किया है और अस्पष्ट उत्तर प्रदान किए हैं, जिससे याचिकाकर्ता को इस अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

गिल्ड ने भारत सरकार द्वारा और भारतीय नागरिकों, विशेषकर पत्रकारों के खिलाफ पेगासस के कथित उपयोग के हर पहलू की जांच के लिए अदालत द्वारा नियुक्त एवं उसकी निगरानी वाली एसआईटी का अनुरोध किया है।

इसमें उन्नत प्रौद्योगिकी एवं निगरानी क्षमताओं के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की संवैधानिक शक्ति, स्पायवेयर जासूसी सॉफ्टवेयर की हैकिंग एवं प्रयोग, और निगरानी के मौजूदा कानूनी संरचना को चुनौती दी गई है।

बता दें कि इससे पहले बीते सोमवार को देश के चार पत्रकारों पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता, एसएनएम अब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और एक कार्यकर्ता इप्सा शताक्षी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वह केंद्र सरकार को पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल को लेकर जानकारी देने का निर्देश दें, इनका नाम उन लोगों की सूची में शामिल था जिन्हें पेगासस का उपयोग करके जासूसी का लक्ष्य बनाया गया था

 

सआभर:the wire

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