‘एक सुरक्षित मातृत्व-सुरक्षित जीवन’ के लिये कार्य करना श्रेष्ठ सेवा कार्य’ः स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश: परमार्थ निकेेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और विधायक यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र ऋतु खण्डूरी ने दीप प्रज्जवलित कर आशा सम्मेलन का शुभारम्भ किया। आशा सम्मेलन में ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने वाली 60 आशा कार्यकर्ती बहनों ने प्रातःकालीन योगाभ्यास में सहभाग किया तत्पश्चात उन्हें ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति में उत्कृष्ट कार्यो के सम्पादन हेतु पुरस्कृत किया गया। सभी आशा कार्यकर्ती बहनों ने परमार्थ निकेतन में होने वाली विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन में ‘आशा सम्मेलन’ में आयी बहिनों को सम्बोधित करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल करना तथा भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से ‘एक सुरक्षित मातृत्व-सुरक्षित जीवन’ के लिये कार्य करना श्रेष्ठ सेवा कार्य है। आशा बहिनें माता के स्वास्थ्य के साथ-साथ शिशु के स्वास्थ्य की भी सुरक्षा सुनिश्चित करती है। स्वामी जी ने कहा कि नवजात शिशुओं को रूग्णता से बचाने और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये प्रकृति, पर्यावरण, जल और वन्य जीवन की सुरक्षा बहुत जरूरी है। गर्भवती महिलाओं की मदद हेतु ‘आशा’ स्वास्थ्य कार्यकर्ता की भूमिका अहम् होती है।
स्वामी जी कहा कि आशा कार्यकर्ता बहनों के उपर नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिये गुणवत्तापूर्ण प्रसव प्रक्रिया के साथ स्वच्छता बहुत जरूरी है। जन्म के समय कुशल देखभाल तथा जन्म के बाद की देखभाल के साथ प्रकृति को प्लास्टिक फ्री और प्रदूषण मुक्त रखने हेतु लोगों को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
मातृ और नवजात शिशु की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के साथ सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में सुधार लाने के लिये जनसमुदाय को प्रकृतिमय जीवन जीने के लिये प्रेरित करना बहुत जरूरी है और आशा कार्यकर्ता बहिनों की पहुंच गांवों तथा दूर-दराज तक के प्रत्यके घरों तक होती है।
विधायक यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र ऋतु खण्डूरी जी ने कहा कि नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु आशा बहिनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ टीकाकरण के लिये भी जनसमुदाय को जागरूक करना आवश्यक है ताकि हमारे राष्ट्र में शिशु मृत्यु दर में कमी आये।
दिव्य गंगा आरती के पश्चात स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सभी को प्रकृति और पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का संकल्प कराया। इस अवसर पर डा. आर कुवंर, राकेश चन्द्रा, डा मनोज शर्मा, दिनेश शाह, डा पंकज, सीमा मेहरा, डा कुमार खगेन्द्र, एस एस तोमर, अनिता असवाल, अनिता कुकरेती, आशा किरन, दीपक मशरूम, दीपक खन्सूली, नरेश सकलानी, रजनी जैन अन्य अतिथियों ने सहभाग किया।