HTML tutorial

निजी स्कूलों में प्रस्तावित फीस ऐक्ट फीस नियंत्रण को लेकर सरकार ने झाड़ा पल्ला

निजी स्कूलों में प्रस्तावित फीस ऐक्ट फीस नियंत्रण को लेकर सरकार ने झाड़ा पल्ला

देहरादून: पदेश में निजी स्कूलों प्रवेश शुल्क नियंत्रण को लेकर प्रस्तावित फीस ऐक्ट से सरकार ने पल्ला झााड़ लिया है। सरकार द्वारा अब इसपर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार स्कूलों की निगरानी के लिए राज्य स्तरीय प्राधिकरण बनाने पर विचार किया जा रहा है। राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण (एसएसएसए) के तहत बनने वाला यह संस्थान का सरकारी, निजी और अर्द्धसरकारी सभी स्कूलों को नियंत्रित करेगा।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देश पर शिक्षा अधिकारियों ने इसका प्रारंभिक खाका तैयार कर लिया है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी 11 नवंबर को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने भी इसके संकेत दिए हैं।

एसएसएसए स्कूलों की स्थापना के लिए मानक तय करेगा। स्कूल के लिए आवश्यक संसाधनए छात्र.शिक्षक अनुपात के अनुसार प्रशिक्षित शिक्षकों का नियोजन और स्कूलों की आमदनी का निर्धारण भी इसके जरिए किया जा सकेगा। यह प्राधिकरण शिक्षा का अधिकार कानून के तहत काम करेगा। इसके गठन से निजी स्कूलों में निरीक्षण का अधिकार शिक्षा विभाग के अधिकरियों को मिलेगा। एसएसएसए न केवल फीस को तय करने का काम करेगा। बल्कि निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का न्यूनतम वेतन भी तय कर सकेगा।

निजी स्कूलों की फीस और एडमिशन प्रक्रिया में नियंत्रण के लिए राज्य में फीस ऐक्ट बनाने की कसरत पिछले नौ साल से ज्यादा वक्त से चल रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में इसका ड्राफ्ट तक तैयार हो गया था। लेकिन बाद में पहले विजय बहुगुणा और फिर हरीश रावत सरकार भी इस पर फैसला लेने से हिचक गई। वर्ष 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा ने भी शुरुआती दौर में फीस ऐक्ट पर काफी दिलचस्पी ली।