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पीएम आवास योजना सत्यापन में पकड़ में आ रहे है अपात्र लोग

पीएम आवास योजना सत्यापन में पकड़ में आ रहे है अपात्र लोग

 

चंद्र प्रकाश बुड़ाकोटी

देहरादून:  गरीबो के लिए एक अदद छत बनाने के उद्देश्य से संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े बड़े घर वालो के नाम लिस्टिंग होने से अफसर सकते में है। गौरतलब है कि गरीब बेघर को सरकार की तरफ से घर बनाने का लोन और सब्सिडी दी जाती है। लेकिन बेघरों की इस योजना में भी गड़बड़ी फर्जीवाड़ा सामने आने लग गया है। पूरे देश मे इस समय प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदनों,प्रकरणों के सत्‍यापन का कार्य चल रहा है। सत्यापन की इस कार्यवाई में अपात्र लाभार्थी पकड़ में आ रहे हैं। पहाड़ी राज्य उतराखण्ड में पीएम आवास योजना के सत्यापन अफसरों की माने तो बड़ी संख्या में अपात्र लोग राज्य में सामने आए है। वही उत्‍तर प्रदेश के अकेले कन्‍नौज जिले में इस योजना के 10 हज़ार अपात्र लाभार्थी पाए गए हैं। बता दें कि दो साल पहले पीएम आवास योजना के तहत इस जिले में 50 हजार आवेदन आए थे, लेकिन वेरीफिकेशन के बाद 10 हजार अपात्र पाए गए। सत्यापन अफसरों के मुताबिक अब इन सभी अपात्र लोगो के नाम ऑनलाइन लिस्‍ट से बाहर किए जा रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में अपात्र लोगों के मिलने से इस योजना में भी बड़ी गड़बड़ी होने से इनकार नही किया जा सकता।

पक्का मकान है और कर दिया आवेदन
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जांच अफसरों की माने तो फर्जीवाड़ा करने वाले लोग नियमों का उल्‍लंघन कर रहे थे। इस योजना में जिनके पास मकान नही है कच्चे टूटे फूटे घर है उनको ही इस योजना का लाभ दिया जाना है।लेकिन ऐसे कई लोगों ने आवेदन कर दिए जिनके पास पहले से ही पक्‍के मकान थे। उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्‍छी थी।यह सब बातें सत्यापन के समय सामने आई है।

मनरेगा की ध्याडी और शौचालय को मिलता है अलग से पैसा
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इस योजना के अंतर्गत गरीब को पक्‍का आवास बनाने के लिए 1 लाख 30 हज़ार रुपए की राशि दी जाती है। इसके अलावा 18 हजार रुपए की राशि लाभार्थी को मनरेगा दिहाड़ी से प्रधान की जाती है। वही इस आवास में शौचालय निर्माण के लिए भी अलाव से 12 हज़ार रुपए लाभार्थी को दिए जाते हैं।

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