उत्तरकाशी में हिन्दू संगठनों के आह्वान पर बाजार बंद
तीर्थयात्रियों को चाय-पानी तक नसीब नही
उत्तरकाशी। मस्जिद हटाने की मांग को लेकर उत्तरकाशी में हिंदू संगठन के आह्वान पर बाजार पूरी तरह से बंद किया गया है। जिस कारण बाजार में तीर्थयात्रियों को चाय-पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हालांकि सुबह कुछ दुकानें खुली थी। जिन्हें हिंदू संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने बंद करवा दिया है।
बता दें कि उत्तरकाशी में गुरूवार को एक बड़ी जनसभा और रैली का भी आह्वान किया गया है। शांति पूर्ण रैली को लेकर जिला प्रशासन ने अनुमति दी है। हिंदू संगठन से जुड़े स्वामी दर्शन भारती भी उत्तरकाशी पहुंचे हैं। बुधवार को पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव के निर्देश पर उत्तरकाशी पुलिस द्वारा जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में फ्लैग मार्च निकाला गया था। पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तरकाशी पुलिस जनता की सुरक्षा एवं सेवा के लिए कटिबद्ध है, कानून एवं शान्ति व्यवस्था को प्रभावित करने वाले अराजक तत्वों पर पुलिस की सख्त निगरानी है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामकता फैलाने व कानून एवं शान्ति व्यवस्था को प्रभावित करने वाले असमाजिक तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विदित हो कि जिला प्रशासन की ओर से 21 अक्टूबर को उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर रिपोर्ट जारी की गई थी। जिससे मस्जिद को लेकर भ्रम की स्थिति पर विराम लगने की उम्मीद थी। उपजिलाधिकारी मुकेश रमोला ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जिस भूमि पर मस्जिद बनी है वह भूमि खाते धारकों के नाम पर दर्ज है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मुस्लिम वक्फ विभाग, लखनऊ की ओर से प्रकाशित सरकारी गजट में 20 मई 1987 में यह मस्जिद उल्लेखित है। जिसमें सुन्नी वक्फ की ओर से मस्जिद का खसरा, रक्वा, नाली और धार्मिक उद्देश्य के रूप में अंकित है। इसके अलावा इस भूमि का दाखिला 2004 में हुआ। 2005 को पारित तहसीलदार के एक आदेश में यह उल्लेखित किया गया कि संबंधित भूमि पर मस्जिद बनी हई है।
दरअसल उत्तरकाशी में पिछले कई दिनों से संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी आंदोलित है। इस संगठन ने आरटीआइ के तहत जिला प्रशासन से मस्जिद को लेकर सूचना मांगी। जिसमें जिला प्रशासन की ओर से आधा अधूरी सूचना दी गई। इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से न तो जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई। और न आरटीआइ की रिपोर्ट को संशोधित कर भेजा गया। संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ की ओर से इस मामले में 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में हिंदू महा जनाक्रोश रैली की चेतावनी दी गयी थी।