अगले माह नवंबर के शुरू में होगा कोवैक्सीन के अंतिम चरण का ट्रायल : भारत बायोटेक
भारत बायोटेक को दवा नियामक, डीजीसीआई से मिली फेज थ्री के ट्रायल की अनुमति
देहरादून: दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी के बीच वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक की ओर से कुछ राहतभरी खबर के संकेत मिले हैं। भारत बायोटेक कोरोना वैक्सीन के आखिरी दौर का ट्रायल अगले महीने शुरू कर सकता है। दवा नियामक, डीजीसीआई ने भारत बायोटेक को फेज थ्री के ट्रायल की अनुमति दे दी है। डीजीसीआई की विशेषज्ञ समिति की मीटिंग के बाद वैक्सीन के आखिरी स्टेज के ट्रायल की मंजूरी दी गयी। ट्रायल प्रोटोकॉल में दवा नियामक द्वारा कुछ संशोधन किए गए है। भारत में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में 25,000 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की संभावना बतई जा रही है। 28 दिन के अंतराल पर उन सभी को वैक्सीन की दो डोज दी जाएंगी।
भारत बायोटेक की ओर से शुरुआती ट्रायल में आए कोरोना वैक्सीन के नतीजों ने उम्मीदें जगी हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया गया है। कोवैक्सीन पहली स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन होगी।
5 अक्टूबर को हुई डीजीसीआई की समिति की एक मीटिंग में भारत बायोटेक कंपनी से फेज. थ्री ट्रायल के प्रोटोकाल को दोबारा जमा करने के लिए कहा गया था। समिति का मानना था, कि फेज.थ्री स्टडी का डिजाइन तो संतोषजनक था, परन्तु उसकी शुरुआत फेज.टू ट्रायल के सुरक्षा और इम्युनोजेनिसिटी के आंकड़ों में से सही डोज तय करने के बाद ही होनी चाहिए। समिति द्वारा पहले दवा कंपनी से उन आंकड़ों की मांग की गई थी।
भारत बायोटेक का कहना है कि कोवैक्सीन के आखिरी स्टेज का ट्रायल दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब और असम में किया जा सकता है। कंपनी फरवरी तक फाइनल ट्रायल के रिजल्ट आने की उम्मीद कर रही है, उसके बाद वैक्सीन की मंजूरी और उसके मार्केटिंग की अनुमति के लिए आवेदन किया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते इस वक्त दुनिया भर के वैज्ञानिक टीका विक्सित करने में जुटे हैं। इस वक्त सभी की नजरें उन वैज्ञानिकों और दवा कंपनियों पर टिकी हुईं हैं, जो कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि साल 2021 की शुरुआत में कोरोना के खिलाफ इलाज के लिए कम से कम दो दवाईयां आ जाएंगी।