निशंक को सुप्रीम कोर्ट से राहतः हाईकोर्ट की अवमानना की कार्रवाई पर लगाई रोक
देहरादून। सरकारी आवास के किराया भुगतान को लेकर उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री निशंक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की अवमानना की कार्रवाई पर सोमवार को रोक लगा दी है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बंगलों के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा किराए का भुगतान ना करने के मामले में निशंक के खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना की कार्रवाई पर रोक लगाई है। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन के नेतृत्व में एक पीठ ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री की ओर से दायर याचिका पर अवमानना की कार्रवाई पर रोक लगा दी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले साल तीन मई को राज्य के मुख्यमंत्रियों को पद छोड़ने के बाद से, वे जितने भी समय सरकारी आवास में रहे, उस अवधि का बाजार दर से किराया देने का आदेश दिया था। बता दें कि हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में 2001 से सभी सरकारी आदेशों को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया था। अदालत ने राज्य द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्रदान की जाने वाली बिजली, पानी, पेट्रोल, तेल, जैसी सुविधाओं के लिए देय और भुगतान की जाने वाली पूरी राशि का राज्य सरकार द्वारा आदेश की तारीख से चार महीने के अंदर हिसाब किताब करने का निर्देश दिया था। इसी के तहत डा. निशंक ने अपनी राशि जमा नहीं की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार ने इस पर जवाब तलब किया था। विदित हो कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले का किराया मार्केट रेट पर देने को कहा था। ऐसा नहीें करने पर एक्शन लेने और अदालत की अवमानना का केस चलाने की बात कही गई थी।