उत्तराखंड में अगस्त से विद्यालयों को खोलने की कवायद शुरु, अधिक छात्रसंख्या वाले विद्यालयों को दो पालियों में संचालित करने की योजना
देहरादून: प्रदेश में कोरोना लहर के कारण लगातार बंद चल रहे विद्यालयों को खोलने पर योजना बननी शुरु हो गई है। इसको लेकर शिक्षा सचिव राधिका झा ने बुधवार को सचिवालय में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। विद्यालयों को खोलने से पहले शिक्षा सचिव ने प्रदेश के सभी मुख्य शिक्षाधिकारियों, जिला शिक्षाधिकारियों, खंड शिक्षाधिकारियों एवं उप शिक्षाधिकारियों की विद्यालयों में कोरोना से सुरक्षा मानकों के पालन करवाने के लिए जवाबदेही तय कर दी है।
बैठक के दौरान सचिव ने कहा कि विद्यालय खोलने से पहले स्वच्छता, पेयजल, शौचालय, सैनिटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिक संख्या में शिक्षकों, भोजनमाताओं और सम्बंधित सभी कार्मिकों के टीकाकरण कराये जाने के निर्देश दिए।
साथ ही विद्यालयों में कोविड.19 के मद्देनजर सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा। मैदानी जिलों में अधिक छात्रसंख्या देखते हुए विद्यालयों को दो पालियों में संचालित करने की कार्ययोजना मुख्य शिक्षाधिकारी बनाएंगे। इससे विद्यालयों में सुरक्षित शारीरिक दूरी मानक का पालन कराया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि शिक्षा महानिदेशक विद्यालयों में कोविड गाइडलाइन का पालन कराने के लिए चिकित्सा विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के समन्वय से विस्तृत दिशा.निर्देश जारी करेंगे। विद्यालयों में मास्क के इस्तेमाल और सुरक्षित शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। विद्यालयों को इसकी तैयारी करने और इस व्यवस्था को दिनचर्या का हिस्सा बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। आफलाइन के साथ आनलाइन पढ़ाई की सुविधा विद्यार्थियों को दी जाएगी। गैर हाजिर विद्यार्थियों को मोबाइल फोन से जोड़कर आनलाइन शिक्षा मुहैया कराई जाएगी।
शिक्षा सचिव ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा का पूरा फोकस विद्यार्थियों और उनके पठन.पाठन पर होना चाहिए। सभी स्तरों पर छात्र.छात्राओं के विषय ज्ञान को बढ़ाने को सर्वोच्च वरीयता देने को रोडमैप तैयार किया जाएगा। लर्निंग आउटकम को कक्षावार व विषयवार प्रदर्शित किया जाएगा। विद्यालय प्रबंध समिति, विद्यालय प्रबंध विकाससमिति व अध्यापक.अभिभावक एसोसिएशन का अनिवार्य गठन कर हर माह के अंतिम शनिवार बैठक बुलाई जाएगी।
वहीं सचिव ने एससीईआरटी व अकादमिक निदेशालय के स्तर पर कैरियर काउंसिलिंग के लिए टोल फ्री नंबर स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोरोना काल में आनलाइन पढाई का ब्योरा एकत्र करने के भी निर्देश जारी किये हैं। सचिव ने शिक्षकों का वाट्सएप ग्रुप अनिवार्य रूप से बनाकर उनसे विद्यार्थियों को जोड़ने को कहा है। शैक्षिक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को शासन व निदेशालय स्तर से जिलों के अधिकारियों को नामित किया जाएगा।
इसके अलावा बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सरकारी विद्यालय अलग.अलग रंगों में नहीं, बल्कि एक रंग में नजर आएंगे। शिक्षा सचिव राधिका झा ने दो माह में सभी विद्यालयों में रंगाई.पुताई कराने के निर्देश दे दिए हैं।