HTML tutorial

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर तीरथ सरकार विचार करेगी

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर तीरथ सरकार विचार करेगी

-देवस्थानम बोर्ड में शामिल शामिल 51 मंदिरों को बोर्ड से मुक्त किया जाएगा: मुख्यमंत्री

-जल्दी ही बुलाई जाएगी चार धामों के तीर्थ पुरोहितों की बैठक 

 हरिद्वार:  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत लगातार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों को पलट रहे हैं।

एक बार फिर सीएम तीरथ ऐसा ही कुछ करने जा रहे हैं। दरअसल, सीएम ने अब देवस्थानम बोर्ड में शामिल 51 मंदिरों को बोर्ड से मुक्त किये जाने व बोर्ड पर पुनर्विचार करने की बात कही है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शुक्रवार को संत बाहुल्य क्षेत्र भूपतवाला में अखंड परम धाम आश्रम में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में शामिल होने हरिद्वार पहुंचे थे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड में शामिल किए गए 51 मंदिरों को बोर्ड से मुक्त कर दिया जाएगा और देवस्थानम बोर्ड के बारे में भी पुनर्विचार किया जाएगा।

इस बारे में उनकी सरकार गंभीरता से विचार करेगी और जल्दी ही चार धामों के तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुलाई जाएगी। किसी के भी अधिकार को छीनने नहीं दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धामों को लेकर शंकराचार्यों द्वारा प्राचीन काल से जो व्यवस्था की गई है। उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी और न ही किसी के अधिकारों में कटौती होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भीे कहा कि इस संबंध में जो भी उनके हाथ में होगा वो करेंगे। संतों को निराश नहीं होने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो सबसे पहले उनके एजेंडे में हरिद्वार का महाकुंभ और देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा था।

उन्होंने शपथ लेते ही अगले दिन हरिद्वार में आकर कुंभ के पहले शाही स्नान में संतों का आशीर्वाद लिया, उन पर पुष्प वर्षा की और कुंभ में स्नान के लिए सभी लोगों को आमंत्रण दिया, जिसके कारण 35 लाख से ज्यादा लोग पहले शाही स्नान पर्व पर क्षेत्र में आए।

सीएम ने कहा कि उन्होंने आते ही सभी अखाड़ों और संतों के लिए कुंभ में भूमि देने के आदेश दिए और कोरोना से ठीक होने के बाद वो गंगा सभा द्वारा हरकी पैड़ी पर आयोजित गंगा पूजन में भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कुंभ को सकुशल दिव्य में बनाने के लिए अधिकारियों को जरूरी आदेश दिए हैं. कुंभ के कामों में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।

उन्होंने कहा कि हरिद्वार में अगले महाकुंभ के लिए अभी से अखाड़ों को जमीन चिन्हित कर आवंटित कर दी जाएगी, ताकि भविष्य में कोई साधु संतों को दिक्कत न हो.

उन्होंने कहा कि संतों को कोई भी असुविधा मेले में नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार कुंभ दिव्य और भव्य होगा। किसी के साथ भी गंगा स्नान करने में रोक-टोक नहीं की जाएगी।

उन्होंने साधु संत और श्रद्धालुओं से अपील की कि वह कोविड-19 को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करें। मास्क लगाए और सैनिटाइजर का प्रयोग करें।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ नगरी में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ क्षेत्र में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी।

Leave a Reply