आश्रम के स्वामी पर नाबालिगों के यौन शोषण का खुलासा, आईपीसी की धारा 377और पॅाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
संजय थपलियाल
देहरादून : यूपी के मुजफ्फरनगर स्थित एक आश्रम मेंं नाबालिग बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार व यौन शोषण की शिकायत पर पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम ने दस नाबालिगों को गौड़ीय मठ आश्रम से मुक्त करा लिया है! आश्रम में रह रहे बच्चों ने प्रबंधक भक्ति भूषण महाराज पर यौन उत्पीड़न, अमानवीय व्यवहार करने और जबरन मजदूरी कराने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला मुज़फ़्फ़रनगर गौड़ीय मठ के आश्रम का है।
मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ स्थित गौड़ीय मठ से चाइल्ड लाइन टीम के साथ, स्थानीय पुलिस ने दस बच्चों को एक आश्रम से मुक्त कराया है! इन बच्चों ने मठ के प्रबंधक भक्ति भूषण गोविंद महाराज पर, शराब पिलाने व अश्लील वीडियो दिखाकर यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं!
जिला बाल कल्याण समिति ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है! इस पड़ताल के दौरान मुक्त कराए गए बच्चों की मेडिकल जांच में चार बच्चों का यौन शोषण होने की पुष्टि हुई है! जिसके आधार पर आश्रम के प्रबंधक भक्ति भूषण गोविंद महाराज के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 व पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है!
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने, इस घटना को गंभीर मामला बताते हुए, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। सभी पीडित बच्चों के, मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करने के साथ, चिकित्सकीय परीक्षण कराया जा चुका है। आरोपी आश्रम संचालक भक्ति भूषण के खिलाफ , दर्ज धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। गौड़िया मठ आश्रम से मुक्त कराए गए इन सभी बच्चों की उम्र लगभग सात वर्ष से लेकर सोलह वर्ष के बीच बताई जा रही है।
चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्यों के मुताबिकए सभी नाबालिग त्रिपुराए, मिजोरम और असम के हैं। इन बच्चों को शिक्षा प्रदान कराने के उद्देश्य से आश्रम लाया गया था, लेकिन आश्रम परिसर में उनसे बर्तन साफ कराने, गोबर उठाने, झाडू़ लगाने , खाना पकवाने और जानवरों की देखरेख करने जैसे काम में लगा दिया गया था।
मुजफ्फरनगर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, कमलेश वर्मा के अनुसारए बच्चों ने स्वयं आश्रम के प्रबंधक पर शराब पिलाने व अश्लील वीडियो दिखाकर, यौन शोषण करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। बच्चों के द्वारा मना करने पर, भूखा रखने और पिटाई करने के भी आरोप लगाए ग है। जॉंच करने पर चार बच्चों के शरीर में चोटों के निशान भी पाए गए। कमलेश वर्मा ने इस संबंध में जल्द ही एक रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपे जाने की बात कही है।
वहीं आश्रम के मालिक ने इन सभी आरोपों को अपने खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा षडयंत्र बताया है। क्योंकि स्थानीय लोगों की रंजिश, इस बात से थी कि जमीन का एक बड़ा भाग आश्रम को दान में मिला था। आश्रम के प्रबंधक द्वारा परिसर में सीसीटीव कैमरे लगे होने की बात कही गई है। जिनकी जांच की जा सकती है