दृष्टिबाधित मुस्कान ने प्रदेश का बढ़ाया गौरव, फिर बनीं चुनाव आयोग की यूथ आइकॉन
शिमला: भारतीय चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी की दृष्टिबाधित छात्रा और बेहतरीन गायिका मुस्कान को अपने एक बार फिर अपना ‘यूथ आईकॉन’ बनाया है। हिमाचल प्रदेश में बाधारहित चुनाव के लिए राज्य कोऑर्डिनेटर और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मुस्कान हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनाव में मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।
वर्ष 2017 और 2019 में भी चुनाव आयोग ने उन्हें यह सम्मान दिया था। राज्य चुनाव विभाग ने मुस्कान को यूथ आइकन बनाने की संस्तुति दी थी।प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने मुस्कान को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मुस्कान ने आंखों में रोशनी न होने के बावजूद कंप्यूटर से पढ़ाई करके यह मुकाम हासिल किया है। विश्वविद्यालय के कई अन्य दिव्यांग विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और क्षमताओं के बल पर समाज में जगह बना रहे हैं।
विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है।प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले चुनाव में मुस्कान ने ब्रेल चिन्ह के माध्यम से बिना किसी की सहायता लिए वोट डाला। उन्होंने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों और 2019 के लोकसभा चुनावों में अनेक स्थानों पर कार्यक्रम करके युवाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालने के लिए प्रेरित किया। इस सिलसिले में उनके कई वीडियो भी वायरल हुए।
मुस्कान युवाओं से कहती थीं, “जब मैं दृष्टिबाधित होकर वोट डालती हूं तो आप क्यों नहीं।”प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि शिमला जिले की दूरदराज चिड़गांव तहसील के सिन्दासली गांव की रहने वाली प्रतिभाशाली छात्रा मुस्कान करीब एक दशक से उमंग फाउंडेशन के साथ जुड़ी हैं। वह संगीत में पीएचडी कर रही हैं।
उन्होंने यूजीसी नेट एवं सैट परीक्षा उत्तीर्ण की है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें गायन प्रतिभा के लिए कई सम्मान एवं पुरस्कार भी मिले हैं। वर्ष 2018 में एक फैलोशिप पर वे अमेरिका गई और वहां पांच राज्यों में संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वह कंप्यूटर के माध्यम से अपनी पढ़ाई करती हैं। फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप, एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का पूरा उपयोग करती हैं। उनका सपना एक अच्छी गायिका के साथ-साथ संगीत का प्रोफेसर बनना है।